अरुण कुमार श्रीवास्तव ‘शम्स गोरखपुरी’ की पुस्तक ‘तखलीक- ए-अरुण’ का भव्य विमोचन

विमोचन समारोह की अध्यक्षता कर रहे महात्मा गांधी वर्धा विश्वविद्यालय महाराष्ट्र के पूर्व प्रति कुलपति प्रोफेसर चितरंजन मिश्रा ने कहा कि गीत और गजल के क्षेत्र में शम्स गोरखपुरी की यह पुस्तक एक अलग छाप छोड़ती है, उनकी रचनाएं देश प्रेम से ओतप्रोत, समाजोपयोगी एवं वैमनस्यता को दूर करने में सहायक सिद्ध होगीं जो समाज के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने तख़ली ए अरुण पुस्तक की कई रचनाओं की विस्तृत व्याख्या किया एवं कहा कि वर्तमान में ऐसी रचनाओं की ही जरूरत है उनकी रचनाओं में समाज को दिशा देने वाली गजलें, गीत और नज़्म का संगम है जो आगे आने वाली पीढ़ी के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।

प्रख्यात शिक्षा विद् प्रोफेसर मनोज कुमार ने कई रचनाओं को पढ़कर सुनाया एवं कहा कि उनकी रचनाओं में भाषा की पकड़ बहुत मजबूत है, इसमें हिंदी के साथ-साथ उर्दू एवं फारसी शब्दों का भी प्रयोग किया गया है जो आज की जरूरत है। इस अवसर पर , अखिलेश चन्द्र जी, आर्य समाज गोरखपुर के प्रमुख प्रहलाद गुप्ता एवं अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित करते हुए अपने विचार रखे।