हिड़मा की मौत के बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलवाद खात्मे की कगार पर
-बीजापुर में मिशन 2026 का नक्सलियाें के विरूद्ध अंतिम ऑपरेशन होगा लांच
जगदलपुर, 30 नवंबर । छत्तीसगढ़ का बस्तर संभााग पिछले चार दशक से नक्सलियों के आतंक का गढ़ रहा है। हिड़मा, बसवाराजू जैसे शीर्ष नक्सली कैडराें के मारे जाने के बाद बस्तर से नक्सलवाद अब खत्म होने की कगार पर है। पिछले डेढ़ सालों में जवानों ने 14 से अधिक शीर्ष नक्सली कैडर काे मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। हिड़मा की मौत के बाद बस्तर में नक्सली संगठन पूरी तरह से टूट गया है।
भूपति, रूपेश के आत्मसमर्पण के बाद अब चैतू ने भी हथियार के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है। आंध्र-तेलंगाना के कई शीर्ष नक्सली कैडरों ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है। अब देवजी, गणपति, मिशिर बेसरा, पापा राव, गणेश उइके और बारसे देवा जैसे कुछ चुनिंदा 9 बड़े नक्सली कैडर ही बचे हुए हैं। यदि बाकी बचे 9 बड़े शीर्ष नक्सली कैडर आत्मसमर्पण कर देते हैं या फिर इनका मुठभेड़ हो जाती है तो बस्तर से नक्सलवाद का सफाया होना तय है। इनके आत्मसमर्पण, मुठभेड़ या गिरफ्तारी के बाद बस्तर में नक्सल संगठन को चलाने वाला कोई भी शीर्ष नक्सली कैडर नहीं बचेगा। निचले कैडर्स के कुछ नक्सली बचेंगे, लेकिन नेतृत्व खत्म होने से वे भी हिंसा का रास्ता छोड़ने मजबूर हो जाएंगे। ऐसा माना जा रहा है।
सुरक्षाबलाें को बाकी बचे जिन शीर्ष नक्सली कैडराें की तलाश है, उनमें ये शामिल हैं- 1. थिप्परी तिरुपति उर्फ देवजी, नक्सल संगठन महासचिव और पोलित ब्यूरो मेंबर, 01 करोड़ का इनामी। 2. मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति, पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी का सलाहकार, 01 करोड़ का इनामी। 3. मिशिर बेसरा उर्फ भास्कर, पोलित ब्यूरो मेंबर, इआरबी इंचार्ज, 01 करोड़ का इनामी। 4. गणेश उइके उर्फ राजेश तिवारी, सेंट्रल कमेटी सदस्य और ओडिशा स्टेट कमेटी सचिव, 40 लाख का इनामी। 5. संग्राम, सेंट्रल कमेटी मेंबर और ओडिशा स्टेट प्रभारी, 40 लाख का इनामी। 6. रामदेर, सीसीएम, 40 लाख का इनामी। 7. पापा राव उर्फ मंगू उर्फ अशोक, डीकेएसजेडसीएम, सचिव पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी, 25 लाख का इनामी। 8. मंगतू उर्फ लाल सिंह, डीकेएसजेडसीएम, प्रभारी कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट, 25 लाख का इनामी। 9. बारसे देवा उर्फ सुक्का, सीजेडसीएम, प्रभारी पीएलजीए बटालियन नंबर 1, जिस पर 25 लाख का इनाम घाेषित है।
वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में सालभर के अंदर अलग-अलग मुठभेड़ाें में मारे गए ये बड़े नक्सली कैडराें में 1. माड़वी हिड़मा, सीसीएम, 1.50 करोड़ का इनामी (छत्तीसगढ़), 2. बसवा राजू उर्फ गगन्ना, पोलित ब्यूरो, महासचिव, 1.50 करोड़ का इनामी (आंध्र प्रदेश), 3. जयराम उर्फ चलपति, सीसीएम, 01 करोड़ का इनामी (आंध्र प्रदेश), 4. सुधाकर, सीसीएम, 01 करोड़ का इनामी (तेलंगाना), 5. भास्कर, मंचेरियल डीवीसी सचिव, 45 लाख का इनामी (आंध्र प्रदेश), 6. रेणुका, सेंट्रल रीजनल ब्यूरो, प्रेस टीम और वकील, 45 लाख की इनामी (तेलंगाना), 7. गजरला रवि, सीसीएम, 40 लाख का इनामी (तेलंगाना), 8. राजे, डीकेएसजेडसीएम, 25 लाख की इनामी (छत्तीसगढ़), 9. मधु उर्फ जंग, डीकेएसजेडसीएम, 25 लाख का इनामी (आंध्र प्रदेश), 10. नीति उर्फ निर्मला, डीकेएसजेडसी, 25 लाख की इनामी (छत्तीसगढ़), 11. रूपेश, डीकेएसजेडसी, 25 लाख का इनामी (महाराष्ट्र), 12. दसरू, डीकेएसजेडसी, 25 लाख का इनामी (ओडिशा), 13. रणधीर, डीकेएसजेडसी, 25 लाख का इनामी (तेलंगाना), 14. जोगन्ना, डीकेएसजेडसी, 25 लाख का इनामी (तेलंगाना) सहित देश के सबसे खतरनाक नक्सल कमांडरों में शामिल माड़वी हिड़मा छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर मरेडमिल्ली जंगल में 18 नवंबर की सुबह उसकी पत्नी राजे उर्फ रजक्का औरको भी ढेर कर दिया गया था।
बस्तर संभाग में केंद्र और राज्य सरकार मिशन 2026 चला रही हैं। इस मिशन में सुरक्षाबलाें को मिली सफलता के परिणाम स्वरूप बस्तर में नक्सलियों के प्रमुख डिवीजन और एरिया कमेटी लगभग खत्म होने की कगार पर पहुंच चुके हैं, लेकिन नक्सलियों के साउथ डिवीजन में अभी भी कुछ हथियारबंद नक्सली और एरिया कमेटी शेष बचे हैं। नक्सलियों के साउथ डिवीजन में बड़ा हिस्सा बीजापुर जिले और इसके सरहदी इलाके का आता है, अब सुरक्षाबलाें का पूरा फोकस इसी इलाके में रहेगा। पुलिस सूत्रों की मानें तो अबूझमाड़ में नक्सलियों का आधार तबाह करने के बाद नक्सलियों के पास अब कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं बचा है। जिस अंदाज में सुरक्षाबलाें ने अबूझमाड़ में बड़े ऑपरेशन लांच किए और नक्सलियों को ढेर किया उसी अंदाज में अब बीजापुर में भी सुरक्षाबल ऑपरेशन लांच करने जा रही है। बीजापुर में मिशन 2026 का नक्सलियाें के विरूद्ध अंतिम ऑपरेशन लांच होगा।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि माड़ डिवीजन, केशकाल और दरभा डिवीजन में नक्सली लगभग खत्म हो गए हैं। पश्चिम बस्तर डिवीजन में अब 7 एरिया कमेटी में कुछ छिटपुट नक्सली ही बचे हैं। दंडकारण्य इलाके में महज 120 से 150 सशस्त्र नक्सली ही सक्रिय हैं। यदि ये नक्सली खत्म हुए तो बस्तर से नक्सलवाद लगभग खत्म हो जाएगा। बस्तर में बाकी बचे 120 से लेकर 150 तक हथियार बंद नक्सलियाें से हम कह रहे है कि वे आत्मसमर्पण कर दे यदि ऐसा नहीं होता है, तो सुरक्षाबल फिर अपने तरीके से इनसे निपटेगी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में आंध्रप्रदेश में हुई मुठभेड़ के बाद नक्सलियों का सबसे बड़ा चेहरा हिड़मा भी मारा गया। इसके बाद अब नक्सल संगठन का शीर्ष नेता और महासचिव देव जी अकेला बच गया है। देवजी को लेकर कई प्रकार की चर्चाएं है। कुछ लोग कह रहे हैं कि देवजी को आंध्रप्रदेश में हिड़मा के मुठभेड़ के दाैरान गिरफ्तार कर लिया है और पुलिस बाद में आत्मसमर्पण दिखाएगी। कुछ ये भी चर्चाएं हैं कि देवजी के मुठभेड़ की तैयारी है, जिस अंदाज मे हिड़मा मारा गया, उसी अंदाज में किसी मुठभेड़ में देवजी भी मारा जा सकता है।
हालांकि कुछ दिन पूर्व देवजी काे लेकर नक्सलियाें ने पर्चा जारी कर बताया है कि देवजी काे पुलिस ने उनके 50 साथियाें के साथ गिरफ्तार कर लिया है, नक्सलियाें ने जारी पर्चे में देवजी काे न्यायालय में पेश करने की मांग तक की है, यह नक्सलियाें द्वारा देवजी काे बचाने की चाल भी हाे सकती है। इधर सूत्र बता रहे हैं कि नक्सल संगठन में सबसे बड़ा नेता देवजी ही अब शेष है, ऐसे में जिस देव जी का आत्मसमर्पण होगा या वह मुठभेड़ मे मारा जाएगा, उसी दिन सरकार बस्तर के नक्सल मुक्त होने की घोषणा कर सकती है।
इधर महाराष्ट्र में नक्सली संगठन भाकपा (एम) के प्रमुख नेता अनंत उर्फ विकास नागपुरे उर्फ विनोद राधास्वामी ने 11 साथियों ओ साथ आत्मसमर्पण कर दिया है। 25 लाख के इनामी इस नक्सली के आत्मसमर्पण से एमएमसी जोन (महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़) का ट्राइंगल नक्सल-मुक्त घोषित होने की कगार पर है। नक्सलियों का शहरी नेटवर्क और कई ऐसी जानकारियां महाराष्ट्र पुलिस के हाथ लग सकती हैं, जो अब तक सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस के लिए बड़ी पहेलियां थीं।









