हिसार : सेवानिवृत्त शिक्षकों की लंबित मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग
हिसार, 29 नवंबर । रिटायर्ड कॉलेज प्रिंसिपल एवं टीचर फेडरेशन (आरसीपीटीएफ),
हरियाणा का एक प्रतिनिधिमंडल, प्रो. डीआर चौधरी, अध्यक्ष, आरसीपीटीएफ के नेतृत्व में,
सेठ छाजूराम की 160वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के दौरान छाजूराम मेमोरियल
जाट कॉलेज, हिसार में शनिवार काे शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से मिला।
प्रतिनिधिमंडल में प्रो. केएल रिणवा, प्रो. एसएन टेल्टिया, प्रो. अत्तर सिंह,
प्रो. शमशेर ढिल्लो, डॉ अनिल कुमार गोयल, डॉ. आरके कौशिक, डॉ. सुनीता भार्गव, प्रो.
बलवान सिंह और डॉ. अनूप परमार शामिल थे। फेडरेशन ने सहायता-प्राप्त महाविद्यालयों के
सेवानिवृत प्राचार्यों और शिक्षकों से संबंधित कई लंबे समय से लंबित मुद्दों को उठाया।
मंत्री के समक्ष प्रस्तुत मुख्य मांगों में पेंशन का भुगतान सीधे राज्य ट्रेज़री के
माध्यम से किया जाए ताकि देरी समाप्त हो। यह प्रणाली उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र
प्रदेश, केरल और ओडिशा जैसे कई राज्यों में पहले से लागू है। चूंकि हरियाणा सरकार सहायता-प्राप्त महाविद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों
की 100 प्रतिशत वित्तीय जिम्मेदारी वहन करती है, अतः वर्तमान भेदभावपूर्ण व्यवस्था
को उचित रुप से संशोधित किया जाना चाहिए।
सेवानिवृत्त शिक्षकों को सरकारी कर्मचारियों
की तर्ज पर कैशलेस मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए। 80 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 20 प्रतिशत
अतिरिक्त पेंशन दी जाए। पूर्ण पेंशन के लिए न्यूनतम नियमित सेवा अवधि को घटाकर 20 वर्ष
किया जाए, वर्तमान 28/33 वर्ष की अनिवार्य सीमा की बजाये ग्रेच्युटी को बढ़ाकर 25 लाख
किया जाए, जैसा कि सरकारी महाविद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए लागू है।
सेवानिवृत्त शिक्षकों के मानदेय में कम से कम 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाए। आरसीपीटीएफ
ने मंत्री से उपरोक्त सभी मांगों पर शीघ्र एवं सकारात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया
और इस विषय पर आगे विस्तृत चर्चा हेतु समय प्रदान करने का अनुरोध किया। इस अवसर पर
फेडरेशन के सदस्यों ने सेठ छाजूरामजी को श्रद्धांजलि अर्पित की और शिक्षा क्षेत्र में
उनके अद्वितीय योगदान को स्मरण करते हुए उन्हें सभी के लिए एक शाश्वत प्रेरणा स्रोत
बताया।









