हिमाचल प्रदेश में ईडी की कार्रवाई, पूर्व जिला कोषाधिकारी की 1.84 करोड़ की संपत्ति अटैच
ईडी की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में ये जानकारी दी गई है।
ईडी ने यह जांच नाहन पुलिस स्टेशन में सतीश कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। इस मामले में 31.05.2023 को आरोप पत्र दायर किया गया था और सतीश कुमार को नाहन स्थित माननीय विशेष न्यायाधीश, सिरमौर द्वारा दोषी ठहराया जा चुका है।
ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ कि सतीश कुमार ने 2012 से 2018 तक जिला कोषाधिकारी नाहन के रूप में काम करते हुए, ई-पेंशन सॉफ्टवेयर में धोखाधड़ी से हेरफेर किया।
उन्होंने 95 पेंशनरों के लिए निर्धारित पेंशन राशि को अवैध रूप से अपने, अपनी पत्नी और बच्चों के नाम पर कई बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया। इस प्रकार, कुल 1,68,66,371 रुपये की राशि (अपराध से अर्जित आय) इन खातों में जमा की गई।
जांच में यह भी स्थापित हुआ कि सतीश कुमार ने इसी अपराध से अर्जित आय का उपयोग मोहाली के सन्नी एन्क्लेव में यह आवासीय संपत्ति खरीदने और उसके निर्माण में किया, जिससे वह दागदार धन को वैध दिखाने की कोशिश कर रहा था। वर्तमान में इस संपत्ति का बाजार मूल्य 1,84,91,651 रुपये है, इसलिए पीएमएलए के तहत 1,68,66,371 रुपये की पूरी ‘अपराध से अर्जित आय’ की संपत्ति कुर्क कर ली गई है। ईडी के मुताबिक मामले में आगे की जांच जारी है।









