मुख्यमंत्री ने वीरांगना झलकारी बाई के अदम्य साहस को किया नमन
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि झलकारी बाई भारतीय इतिहास की उन वीर बेटियों में से हैं जिन्होंने पराक्रम, त्याग और अटूट समर्पण से स्वतंत्रता के संघर्ष को नई ऊर्जा दी। रानी लक्ष्मीबाई के रूप में रणभूमि में उतरने का उनका निर्णय अद्वितीय शौर्य का अद्भुत उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास के अनेक अध्यायों में झलकारी बाई का गौरव लंबे समय तक ओझल रहा। दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें पहली बार सम्मान सूची में शामिल किया जाना उनकी महान वीरगाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंत्री रविंद्र इंद्राज ने एक्स पोस्ट में कहा कि झलकारी बाई नारी-साहस की वह तेजस्वी शक्ति हैं जिन्होंने 1857 की क्रांति की दिशा बदल दी। रानी लक्ष्मीबाई की ढाल बनकर उन्होंने सिद्ध किया कि संकल्पित नारी हर चुनौती को परास्त कर सकती है। भारत सरकार का डाक टिकट, देशभर की प्रतिमाएं और झांसी किले में बन रहा संग्रहालय ये सभी झलकारी बाई के अदम्य साहस और अमर विरासत की सशक्त गवाही हैं।
मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा झलकारी बाई को ‘प्रतिष्ठित व्यक्तित्व जयंती/पुण्यतिथि योजना’ में शामिल करना नारी-सशक्तिकरण के संकल्प को और मजबूत करता है। झलकारी बाई आज भी साहस और स्वाभिमान की जीवंत ज्योति हैं।









