जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हुए नुकसान की पूरी भरपाई करे उत्तराखंड सरकार : सुप्रीम कोर्ट
ने सोमवार को उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिया कि वो जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हुए नुकसान की पूरी भरपाई करे। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कई निर्देश जारी करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय
की तरफ से नियुक्त की गई सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी से सलाह कर तीन महीने के अंदर सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करना सुनिश्चित करें।
उच्चतम न्यायालय
ने कहा कि सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी उत्तराखंड द्वारा तैयार की गई पारिस्थितिक पुनर्स्थापन योजना की निगरानी करेगी। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को अवैध पेड़ कटाई की भरपाई के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर पर्यटन को बढ़ावा देना है, तो यह इको-टूरिज्म के तौर पर होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हमने मुख्य इलाके में अपने परिवारों से दूर कार्य करने वाले कर्मियों के लिए विशेष प्रावधान लाने का निर्देश दिया है।
उच्चतम न्यायालय
ने 19 मार्च को कार्बेट टाइगर रिजर्व में अनाधिकृत निर्माणों के आरोपित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई में देरी करने पर उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई थी। उच्चतम न्यायालय
ने कहा था कि राज्य सरकार अपने जूनियर अधिकारियों पर तो जल्दी जल्दी कार्रवाई कर रही है, लेकिन अपने सीनियर अधिकारियों के खिलाफ तेज कार्रवाई नहीं कर रही है।
उच्चतम न्यायालय
ने 6 मार्च, 2024 को जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई की मंजूरी देने के लिए उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व आईएफएस अधिकारी किशन चंद को फटकार लगाई थी। उच्चतम न्यायालय
ने एक कमेटी का गठन किया था, जो ये देखेगी कि क्या देश में राष्ट्रीय उद्यानों के बफर जोन या इससे बिल्कुल सटे इलाके में टाइगर सफारी बनाने की अनुमति दी जा सकती है।









