भालू के खौफ में  लाटा गांव,वन विभाग ने पहुंचाया बच्चों को स्कूल

शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे भटवाडी़ के राजकीय प्राथमिक विद्यालय लाटा में भालू देखा गया, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग और शिक्षकों को दी। भालू के आंतक से डरे सहमे कुमाल्डी से बच्चों ने स्कूल जाने से ही मना कर दिया। बाद में वन विभाग की टीम ने अपनी वाहन से बच्चों को स्कूली बच्चों पहुंचाया है।

इधर टकनौर क्षेत्र के रेंजर रूप मोहन नौटियाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह लाटा से सूचना मिली थी वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्कूली बच्चों को अपनी वाहन से स्कूल पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि वन विभाग भालू से सावधान रहने की अपील लोगों से की जा रही है। स्थानीय वन कर्मियो को भी लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। लोगों से लगातार अपील की जा रही है, जंगल में जाने के दौरान वे सावधान रहें।

इधर क्षेत्र पंचायत सदस्य लाटा आकाश नेगी ने बताया कि गुरुवार रात्रि में कुमाल्डी, लाटा, मनेरी में गांव की तरफ भालू देखा गया है । उन्होंने बताया कि क्षेत्र में आज तक भालुओं के ना तो इतनी संख्या थी ना ही इतने हमले होते थे।

बता दें कि सितम्बर से नवंबर के बीच मोरी और गंगा घाटी के अस्सी गंगा, टकनौर घाटी के विभिन्न इलाकों में भालुओं ने करीब एक दर्जन लोगों पर हमले किए हैं‌ । इस हमले में कुछ लोगों को मौत के घाट उतार दिया और कई लोग इस बुरी तरह से जख्मी हो गए हैं ।पिछले एक दशक में पहली बार भालू इतने हिंसक हुए हैं।

आमतौर पर बरसात के दिनों में भालू हिंसक नजर आते हैं। लेकिन इस बार

एक सप्ताह में तीन चार हमले और गांव में भालू की चहलकदमी से लोग दहशत में है।

अभी अस्सी गंगा क्षेत्र की सेंकू गांव की महिला को भालू ने हमला कर पूरा चेहरा चबा डाला था। इतना ही नहीं गया , बैलों पर भी हमले की सूचना है।