विकास के नाम पर झामुमाे को वोट मांगने का अधिकार नहीं : डॉ दिनेशानंद
उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नियुक्तियां संबंधित जिलों के लिए आरक्षित थीं, जिससे स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलती थी। लेकिन हेमंत सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया, जिसके चलते बाहरी उम्मीदवार अब किसी भी जिले में नौकरी पा सकते हैं, जबकि स्थानीय युवाओं को दरकिनार किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके विपरीत, शराब बंदोबस्ती, बालू घाट की नीलामी और अन्य ठेकों में बाहरी लोगों को तरजीह दी जा रही है।
गोस्वामी ने कहा कि सरकार अब तक पेसा कानून को पूरी तरह लागू नहीं कर पाई है, जिसके कारण बालू घाट, बंदोबस्ती और वनपट्टा का आवंटन ग्राम सभाओं के अधीन लाने की प्रक्रिया अधर में है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने और बेरोजगारों को 5000 से 7000 मासिक भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन दोनों वादे सिर्फ घोषणा तक ही सीमित रह गए।
इसी दौरान, पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने भी हेमंत सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले छह वर्षों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भयावह वृद्धि हुई है। साहेबगंज की दरोगा रूपा तिर्की हत्याकांड, रबिका पहाड़िया की निर्मम हत्या और एसआई संध्या टोपनो की हत्या जैसी घटनाओं ने सरकार की नाकामी और संवेदनहीनता को उजागर किया है।
गीता कोड़ा ने कहा कि आदिवासी बेटियों के साथ दुष्कर्म करने वाले अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रति मौन है। उन्होंने कहा कि संथाल परगना से लेकर कोल्हान तक झारखंड की रोटी, माटी और बेटी खतरे में है।
उन्होंने मंईयां सम्मान योजना को मंईयां अपमान योजना करार देते हुए कहा कि चुनाव से पहले महिलाओं को झूठे वादों से बहकाया गया, अब उनके खातों से पैसे काटे जा रहे हैं।
गीता कोड़ा ने कहा कि भाजपा ही महिला सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण की सच्ची लड़ाई लड़ रही है। आने वाले चुनाव में महिलाएं इस भ्रष्ट और निकम्मी सरकार को करारा जवाब देंगी। उन्होंने चाईबासा की घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि निहत्थे आदिवासी युवक और गर्भवती महिला को जेल भेजना हेमंत सरकार के अमानवीय चेहरे को उजागर करता है।
प्रेस वार्ता में अशोक बड़ाईक, चंडी चरण साव और लखन मार्डी उपस्थित रहे।









