ठाकुर जी की पारंपरिक शीतकालीन सेवा प्रारंभ
श्रीमन्माध्व गौड़ेश्वराचार्य महंत अंजन कुमार गोस्वामी महाराज के सानिध्य में ठाकुरजी को पारंपरिक चांदी की गुमटी के बड़े सिंहासन पर विराजमान किया गया ।
श्रीजी के सम्मुख मोटी पिछवाई पर्दे लगाए गए । मंगला झांकी में ठाकुर श्रीजी को हल्की रुई की रजाई ओढ़ाई गई। मंगला झांकी के बाद श्रीजी का हल्के गुनगुने जल से अभिषेक स्नान कराया गया । मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि प्रतिदिन प्रात: ठाकुर श्रीजी को सर्दी जामा पोशाक, शॉल एवं साफा धारण कराया गया है। इत्र सेवा में अब केसर एवं कस्तूरी के इत्र उपयोग किए गया । ठाकुर श्रीजी को ऊष्मा प्रदान करने के लिए अंगीठी एवं हीटर सेवा भी प्रारंभ की गई । मार्गशीर्ष माह से मंगला झांकी का समय प्रातः: 5 से 5:15 बजे तक रहेगा। अन्य सभी झांकियों का समय पूर्ववत रहेगी।









