वकील पत्नी ने पति के अधिवक्ताओं की पैरवी में पहुंचाई बाधा, हाईकोर्ट ने मुकदमों को किया ट्रांसफर
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि न्याय पाना हर व्यक्ति का मूल है। वहीं न्यायालय न्याय के मंदिर है और ये सभी के लिए हमेशा खुलने रहने चाहिए। इसके अलावा किसी भी व्यक्ति को उसकी पसंद के वकील से कानूनी सहायता पाने से वंचित नहीं किया जा सकता।
याचिका में अधिवक्ता रामरतन गुर्जर ने बताया कि याचिकाकर्ता की वकील पत्नी ने उसके खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी सुनवाई सवाई माधोपुर के सीजेएम कोर्ट में चल रही है। इस दौरान उसने फैमिली कोर्ट में भरण पोषण के लिए भी याचिका दायर कर दी। याचिका में कहा गया कि पत्नी ने स्थानीय बार एसोसिएशन को पत्र लिखकर याचिकाकर्ता के तीन वकीलों पर कार्रवाई की गुहार की और पैरवी नहीं करने के लिए दबाव डाला। इस पर बार अध्यक्ष ने तीनों वकीलों नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया। याचिका में कहा गया कि उसकी पत्नी केस को प्रभावित कर रही है। ऐसे में प्रकरण की सुनवाई वहां से दूसरी जगह ट्रांसफर की जाए। जिसका विरोध करते हुए पत्नी के वकील ने कहा कि तीनों वकीलों को गत 19 जून को बार ने नोटिस दिया था, लेकिन इस नोटिस को उसी दिन वापस ले लिया गया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने दोनों मुकदमों की सुनवाई जयपुर की अदालतों में ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।









