चुनावी वादों की तरह नहीं धरातल पर करें काम, 2047 के विजन की बात लेकिन स्कूलों के लिए कल की प्लानिंग भी नहीं-हाईकोर्ट

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश की स्कूलों में करीब 86 हजार कमरे क्षतिग्रस्त बताए जा रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की ओर से यह स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है कि इन सभी कमरों को ठीक कैसे किया जाएगा। इसके अलावा निर्माणाधीन बिल्डिंग और मरम्मत का बजट भी अलग-अलग नहीं बताया गया है। अदालत ने कहा कि चुनावी वादों की तरह नहीं, धरातल पर काम किया जाना चाहिए। बजट में स्कूल और कॉलेज खोलने की घोषणाएं होती हैं, लेकिन इन्हें वहां खोला जाए, जहां इनकी वास्तव में जरूरत हो। अदालत ने कहा कि एनसीपीसीआर की 2021 की गाइड लाइन और सुप्रीम कोर्ट की ओर से अविनाश भारद्वाज के मामले में दिए आदेश के अनुसार मरम्मत का काम किया जाए।