कांग्रेस प्रवक्ता का हमला: भाजपा के खेल का मुखौटा बनी कंगना, पार्टी से स्पष्टीकरण मांगा!
भाजपा सांसद कंगना रनोट ने तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर अपने बयान को भले ही वापस ले लिया हो, लेकिन यह विषय पंजाब और हरियाणा की राजनीति में गर्मागर्मी पैदा कर चुका है। इस संदर्भ में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने स्पष्ट शब्दों में भाजपा की किसानों के प्रति नकारात्मक रवैया को उजागर किया। उन्होंने कहा कि कंगना का बयान यह दर्शाता है कि भाजपा वास्तव में किसानों के खिलाफ किस प्रकार की सोच रखती है। चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए सुप्रिया ने कंगना के बयान को केवल उनकी व्यक्तिगत राय बताकर भाजपा के लिए बच निकलना मुश्किल बताया। कंगना, किसी कार्यकर्ता नहीं, बल्कि भाजपा की सांसद हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि उनका बयान भाजपा की नीति का हिस्सा है।
सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने कंगना से बयान दिलवाने के लिए जानबूझकर एक रणनीति बनाई है। उनका कहना था कि कंगना केवल भाजपा की मुखौटा हैं, और असली मंशा भाजपा की है। उन्होंने कहा कि भाजपा किसानों के साथ जो अन्याय कर रही है, उसका असली चेहरा अब सबके सामने आ चुका है। ये कानून पुनः लागू करने की उनकी योजना को उजागर करता है। सुप्रिया ने हरियाणा की जनता को यह सोचने पर मजबूर किया कि क्या वे ऐसी पार्टी को सत्ता में लाना चाहेंगे जिसने किसानों के संघर्ष को नजरअंदाज किया हो और जिन्होंने अपने हक के लिए प्राणों की आहुति दी हो।
सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा द्वारा किसानों को आतंकवादी, गुंडा और खालिस्तानी के रूप में संबोधित करने के मामले को भी उठाया। उनका कहना था कि यदि भाजपा कंगना से असहमत है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को खुद इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने इस मामले में किसानों के साथ भाजपा सरकार द्वारा किए गए अमानवीय बर्ताव को तस्वीरों के माध्यम से पेश किया। किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई पुलिस बर्बरता को दिखाते हुए सुप्रिया ने बताया कि किस प्रकार किसानों को प्रताड़ित किया गया।
कांग्रेस की प्रवक्ता ने युवाओं के मुद्दे पर भी भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया। अग्निवीर योजना के तहत जवानों से शहीद का दर्जा छीनने के फैसले को उन्होंने निंदनीय बताया। बेरोजगारी के मुद्दे पर सुप्रिया ने कहा कि हरियाणा के युवा इज़राइल जैसे युद्धग्रस्त क्षेत्रों में भी नौकरी की तलाश में जाने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रदेश की महिला पहलवानों के प्रति सरकार के रवैये की भी कड़ी आलोचना की। विनेश और साक्षी जैसे नामचीन पहलवानों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर उन्होंने चिंता जताई है।
सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी जातीय जनगणना के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यह समझा जा सके कि संसाधनों का लाभ किन्हें नहीं मिल रहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि युवा, किसान और महिला पहलवान सभी इस नकारा सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार हैं। इस प्रकार, कांग्रेस सभी वर्गों की समस्याओं को उजागर कर भाजपा की नीतियों पर सवाल खड़ा कर रही है, जिससे आने वाले चुनावी दौर में मुद्दा और भी गरमा सकता है।









