21वीं सदी में भी लोगों को जीवन की सही राह दिखाते हैं गीता के श्लोक
कार्यक्रम के दौरान गीता के 18 अध्यायों के सारगर्भित ज्ञान पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। वेदांत कुटीर मंडी की अध्यक्षा साध्वी सेवानंद सरस्वती ने श्रद्धालुओं को बताया कि हिंदू धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोक 21वीं सदी में भी लोगों को जीवन की सही राह दिखाने का काम करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस ग्रंथ में धर्म के साथ-साथ कर्म का गहरा मर्म समाहित है। उन्होंने सनातन परंपरा में गीता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें अपने भीतर के अहम (अहंकार) को खत्म कर श्रद्धा भाव से भक्ति के मार्ग पर चलना चाहिए। तभी हम भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने भगवत गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि बिना विवेक के किसी भी काम का निर्णय नहीं लेना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे अंदर परमात्मा का वास है और हमें गीता माता की शरण में जाना चाहिए तथा इसे रोज पढ़ना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा, कि गीता का नित्य पाठ करने से हमारी अंतरात्मा शुद्ध होती है।
इस मौके पर ब्रह्माचारी प्रणव चैतन्य ने भी गीता के ज्ञान की महत्ता पर प्रकाश डाला और श्रद्धालुओं से इसके अनुसरण करने का आहवान किया।
कार्यक्रम के अंत में श्रद्धापूर्वक आरती की और सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को फलाहार का भंडारा भी प्रसाद के रूप में वितरित किया गया।









