विद्या भारती न सिर्फ शिक्षण संस्थान बल्कि समाज जागरण का है माध्यम : भटनागर

बैठक के पहले दिन ए श्रेणी के प्रधानाचार्यों की उपस्थिति रही। इसमें शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यालय व्यवस्था पर गहन चर्चा हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या भारती के उपाध्यक्ष अवनीश भटनागर, उत्तर पूर्व क्षेत्र के संगठन मंत्री ख्यालीराम, विद्या विकास समिति के सचिव नकुल शर्मा, स्थानीय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामकिशोर रजक और सचिव विजय बहादुर सिंह ने मां सरस्वती के चित्र के सामने दीप प्रज्वलित कर किया।

इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता विद्या भारती के उपाध्यक्ष अवनीश भटनागर ने कहा कि विद्या भारती केवल शिक्षण संस्थान नहीं बल्कि समाज जागरण का माध्यम है।

उन्होंने कहा कि विद्या भारती के चार आयामों को क्रियान्वित करके ही हम समाज के प्रबुद्ध जनों तक अपनी पहुंच बना सकते हैं और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकते हैं। शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए उन्होंने नवाचार को अनिवार्य बताया।

भटनागर ने विशेष रूप से शून्य निवेश नवाचार की अवधारणा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पर्यावरण और आसपास मौजूद कई साधारण सामग्रियां हैं। जिन्हें बिना किसी अतिरिक्त खर्च के बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान देने और रचनात्मकता सिखाने में उपयोग किया जा सकता है।

मौके पर उन्होंने बालक के सर्वांगीण विकास की दिशा स्पष्ट करते हुए तीन महत्वपूर्ण सोपानों का उल्लेख किया जिसमें कक्षा, मंच और मैदान शामिल है।

बैठक में सभी विभागों के विभाग प्रमुखों की उपस्थिति रही।