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अनूपपुर: एसआईआर की जानकारी के अभाव में लोग नहीं ले रहें रुचि, बीएलओ को लगाने पड़ रहे चक्कर

उल्लेखनीय है कि जिले के अधिकांश घरों में 2003 के बाद शादियां हुई हैं। ऐसे में उनका नाम मतदाता सूची में जुड़ गया है, लेकिन एसआइआर के दौरान 2003 की मतदाता सूची से मिलान नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण दिक्कत आ रही है।

आसानी से नहीं मिल पा रही जानकारी

बीएलओ की माने तो एक मतदाता के यहां आधे घंटे से ज्यादा का समय पूरी प्रक्रिया में लग रहा है। इस बीच 2003 के बाद विवाह होकर आई महिला के गणना पत्रक को भरने में तो और ज्यादा समस्या होती है। मायके पक्ष का इपिक नंबर, भाग संख्या व विधानसभा सहित अन्य जानकारी उपलब्ध न होने की स्थिति में उन्हे खाली हाथ लौटना पड़ता है। समझाने के बाद भी वह जानकारी जुटाने में उन्हे दो से तीन दिन का समय लग जा रहा है। ऐसे में गणना पत्रक वापिसी में काफी समय लग रहा है।

एसआईआर को लेकर बीएलओ घर-घर दस्तक दे रहे हैं। गणना पत्रक वितरण के बाद अब वह घर-घर जाकर भर भी रहे हैं, लेकिन जानकारी के अभाव व अरुचि होने की वजह से मतदाताओं का उन्हे सहयोग नहीं मिल रहा है। ग्रामीण अंचलो के अधिकांस मतदाता दिन में अपने दैनिक कार्य में व्यस्त रहते हैं। बीएलओ उन्हे जानकारी देते भी हैं तो वह आवश्यक दस्तावेज उन्हे उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। इस वजह से वर्ष 2003 के बाद जुड़े हुए नामों को लेकर बीएलओ को मशक्कत करनी पड़ रही है।

निर्वाचन सुपर वाइजर अनूपपुर संजय निगम ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बीएलओ को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर 2003 के बाद जो शादियां हुई हैं उनसे मायके पक्ष से इपिक नंबर व अन्य जानकारी मंगाने में समय लग रहा है। डिजिटाइशेन की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ रही है।

मंजूर खान, बीएलओ नगर पालिका अनूपपुर वार्ड क्रमांक 14 ने बताया कि एक घर में आधे घंटे से ज्यादा का समय जानकारी जुटाने व गणना पत्रक भरने में लगता है। 2003 के बाद जो विवाहिता हैं उनके मायके पक्ष से जानकारी मंगाना सबसे बड़ा कठिन काम है। समय पर जानकारी उपलब्ध न होने पर वापस लौटना पडता है।