गाजे बाजे से निकली भगवान की सवारी, अनेक स्थानों पर भजनों की प्रस्तुतियां
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर, मुनि मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, बीकानेर की साध्वी दीपमाला व शंखनिधि श्रीजी, जैन श्वेताम्बर पार्श्वचन्द्र गच्छ की वयोवृद्ध साध्वी पदम प्रभा व सुव्रताश्रीजी ने कुछ देर भजन मंडलियों की प्रस्तुतियों को देखा तथा गायकों को आशीर्वाद दिया। गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने इस अवसर पर कहा कि प्रभुवर की भक्ति एवं भजन अशांत संसार से मुक्ति और शांतिमय जीवन जीने का सरल मार्ग है। प्रभु भक्ति की साधना सहज होने के कारण इसे कोई कर सकता है। प्रभु भक्ति से अंतर में प्रभु से प्रीति होती है और वही प्रीति नश्वर शरीर व संसार से प्रीति छुड़ा सकती है। भक्ति में ही आत्मा-परमात्मा से मिलन करवाने की शक्ति है। प्रभु भक्ति से रोग, शोक, आधि-व्याधि व उपाधि से मुक्ति मिलती है सहज आनंद व आत्म सुख और मुक्ति मिलती है।
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष हरीश नाहटा ने बताया कि भगवान की सवारी में चार सजे संवरे घोड़े, पंचरंगी जैन ध्वज, नगाड़े, बैंड पार्टी, ढोल तासा पार्टी, भगवन महावीर के जीवन आदर्शों का स्मरण दिलाने वाले यथा परमात्मा का समोशरण, चंदन बाला द्वारा भगवान महावीर स्वामी को बाकुले की गोचरी प्रदान करते हुए, भगवान महावीर के कार्योर्त्सग के चित्र, चांदी का कल्पवृक्ष, चांदी का समोशरण आदि शामिल थे। सवारी में शामिल सजे संवरे 9 ऊंट गाड़ों पर बच्चे सवार तथा वहीं श्रावक ’’चंदन की दो चौकियां, पुष्पन के दो हार, केसर भरियों बाटको पूजो नैन कुमार’’ व ’’जिन शासन देव की जय’’ के नारे लगा रहे थे। भगवान की सवारी में शामिल श्रावकों का जगह जगह चाय, नाश्ता व आइसक्रीम आदि से सत्कार किया गया। अनेक स्थानों पर स्वागत द्वार व बैनर लगाए गए।
नाहटा ने बताया की श्री आदिश्वर मंडल ने भगवान महावीर की सवारी में शामिल होने का 75 वां यानि हीरक जयंती महोत्सव मनाया। वहीं कोचर मंडल ने 83 वां वर्ष, वीर मंडल, महावीर मंडल, जैन गौतम मंडल व जैन मंडल की मंडलियों के सदस्य अलग दुप्टा व पोशाक, तथा बैज लगाए हुए विभिन्न राग व तर्जों में भजनों की प्रस्तुतियां दे रहे थे।
नाहटा ने बताया कि के श्री चिंतामणि जैन मंदिर में पूजा अर्चना के बाद रवाना हुई भगवान की सवारी नाहटा चौक, गोलछा, खजांची, रामपुरिया, राखेचा, आसानियों का चौक, बांठया चौक, सिपानी मोहल्ला, सुराणों का मोहल्ला, कपड़ा बाजार, सुपारी बाजार, बच्छावतों का मोहल्ला, डागा झाबक मोहल्ला से होते हुए गोगागेट के बाहर श्री गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर पहुंची। बुधवार को भगवान की सवारी का पड़ाव गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर में रहेगा। गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे पंच कल्याणक पूजा, उसके बाद श्रीसंघ की ओर से साधार्मिक वात्सल्य का आयोजन होगा। उन्हांने बताया कि 7 नवम्बर को सुबह साढ़े नौ बजे गोगागेट के श्री गौड़ी पार्श्वनाथ नाथ मंदिर से रवाना होकर गंगाशहर मार्ग, लाभुजी का कटला, कोटगेट, नया कुआं, मरोठी सेठिया, मुकीम बोथरा, रांगड़ी चौक, बेगानी मोहल्ला, कोचरों का चौक, ढढ्ढा चौक, दस्साणी मोहल्ला, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा, बोथरा मोहल्ला होते हुए श्री चिंतामणि जैन मंदिर में संपन्न होगी।









