आय का स्त्रोत नहीं बताने पर दुष्कर्म पीडिता को मुआवजे से इनकार, हाईकोर्ट ने किया पॉक्सो कोर्ट का आदेश रद्द
याचिका में अधिवक्ता धर्मेन्द्र चौधरी ने बताया कि याचिकाकर्ता ने सितंबर, 2023 में सांगानेर थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। ट्रायल के दौरान याचिकाकर्ता ने पॉक्सो कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर अंतरिम मुआवजा दिलाने की गुहार की, लेकिन सुनवाई पूरी होने तक प्रार्थना पत्र पर कोई निर्णय नहीं किया गया। याचिका में कहा गया कि मामले में पॉक्सो कोर्ट क्रम-3, महानगर प्रथम ने आरोपी को बीस साल की सजा सुनाई थी। इस दौरान याचिकाकर्ता ने एक अन्य प्रार्थना पत्र पेश कर उसे पीडित प्रतिकर स्कीम, 2011 के तहत मुआवजा दिलाने की गुहार की। इस प्रार्थना पत्र को पॉक्सो कोर्ट ने इस तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया कि उसने अपनी स्कूल फीस आदि का भुगतान करने को लेकर अपनी आय के स्त्रोत की जानकारी नहीं दी। याचिका में पॉक्सो कोर्ट के गत 11 अगस्त के इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि नाबालिग पीडिता के पास आय का स्त्रोत कैसे हो सकता है। वहीं मामले में कोर्ट को केवल यह देखना होता है कि पीडिता के साथ दुष्कर्म हुआ है या नहीं? ऐसे में याचिकाकर्ता पीडिता को मुआवजा दिलाया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पॉक्सो कोर्ट की ओर से पीडिता का प्रार्थना पत्र खारिज करने के आदेश को रद्द करते हुए छह सप्ताह में मुआवजे पर निर्णय करने को कहा है।









