कुंभ दिव्य व भव्य हो, किन्तु परंपराओं का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं: हठयोगी
हरिद्वार, 28 नवंबर । हरिद्वार कुंभ को दिव्य व भव्य बनाने के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अखाड़ों के संतों के साथ बैठक में कुछ संतों को
निकालने को लेकर आक्रोश है। बाबा बलराम दास हठयोगी ने परम्पराओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
बाबा बलराम दास हठयोगी ने शुक्रवार को कहाकि कुंभ 2027 के लिए प्रमुख स्नानों की तिथियों की घोषणा हो गयी। कुंभ दिव्य और भव्य हो हम सदैव से इसके पक्षधर रहे हैं, किन्तु परम्पराओं का उल्लंघन किया जाना गलत है। उन्हाेंने कहा कि आज तक के इतिहास में कुंभ, अर्द्धकुंभ पर्व को लेकर अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक में किसी भी अन्य नेता ने शिरकत नहीं की, किन्तु इस बैठक में विधायक तक मौजूद रहे।
बाबा हठयोगी ने कहाकि जिस प्रकार से बैठक में आने के बाद श्रीशंभू दशनाम आवाह्न अखाड़े के महंत गोपाल गिरि महाराज और थानापति सत्यानारायण गिरि महाराज को बैठक से निकाला गया, वह सर्वथा गलत है। उन्होंने कहाकि संतों के बीच मतभेद हो सकते हैं, किन्तु यहां मनभेद देखने को मिला। ऐसे में 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की बैठक होने का राग नहीं अलापना चाहिए। सत्यता यह है कि बैठक में 12 अखाड़ों के प्रतिनिधि ही शामिल ह़ुए। आवाह्न अखाड़े के संतों के साथ जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
बाबा हठयोगी ने आराेप लगाया कि कहाकि बैठक से पूर्व तक संतों के विचारों में भिन्नता सुनायी दे रही थी, किन्तु आज अचानक सभी के स्वर एक कैसे हो गए। इस परिवर्तन का कारण क्या है। कहीं कोई बड़ा लेनदेन तो नहीं हुआ। अचानक शरणागत होने की बात समझ से परे है। उन्होंने कहाकि कुंभ का आयोजन दिव्य व भव्य होना चाहिए। इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा, किन्तु परम्पराओं का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।









