आनंद मार्ग प्रचारक संघ ने डायन प्रथा के खिलाफ शुरू किया अभियान
नामक अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने की शुरुआत की। कार्यक्रम में संघ के सुनील आनंद ने कहा कि प्रत्येक जिले में एक महीने में डायन के नाम पर कम से कम एक महिला की हत्या होती है, जो समाज की बड़ी विडंबना है। उन्होंने बताया कि तंत्र-मंत्र से किसी की हत्या संभव नहीं है, यह केवल मानसिक भ्रम और अंधविश्वास है। मंत्रों का उद्देश्य मानव का आध्यात्मिक और मानसिक उत्थान है, न कि किसी को नुकसान पहुंचाना है। बलि और ओझा-गुनी जैसी परंपराएं समाज को पीछे धकेल रही हैं। इन कुरीतियों को समाप्त करने के लिए शिक्षा प्रणाली में वैज्ञानिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से अंधविश्वास विरोधी अवधारणाओं का समावेश आवश्यक है।
सुनील आनंद ने कहा कि मनुष्य का कल्याण केवल भक्ति और आत्मबल से संभव है न कि ओझा-गुनी के झांसे में पड़कर यह संभव है। उन्होंने कहा कि परमात्मा प्रत्येक मनुष्य में विद्यमान हैं, उन्हें भक्ति और कीर्तन के माध्यम से महसूस किया जा सकता है। उन्होंने अपील किया कि झाड़-फूंक के बजाय लोग चिकित्सा सेवाओं का उपयोग करें और डर के बजाय परमात्मा में आस्था रखकर अपने मन को मजबूत बनाएं ताकि समाज अंधविश्वास से पूर्णत: मुक्त हो सके।









