वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण, कश्मीर दौरे पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने सोशल मीडिया पर साझा कीं भावनाएं
सोशल मीडिया पर भावनाएं साझा करते हुए शेखावत ने लिखा कि आज जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में “विकास भी-विरासत भी” की नई बयार को महसूस करते हुए मैं मनन कर रहा था कि एक तरफ यह देश का गीत है, इसमें भारत की भावना का राष्ट्रीय स्वर है, तो दूसरी ओर यह हर भारतीय की ओर से “अपनी भारत मां” के लिए लिखा गया लगता है।
शेखावत ने लिखा कि श्रीनगर में होते हुए यह अहसास और भी गहरा हो गया कि जैसे हर भारतीय ने इसे अपनी आत्मा की आवाज सुनकर लिखा है। वर्ष 1875 में पूज्य बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी ने इसकी रचना की और भारत की आत्मा को स्पर्श कर लेने की अपनी अगाध क्षमता से ‘आनंदमठ’ उपन्यास का यह भाग भारत की आजादी के आंदोलन का नाद बन गया।
शेखावत ने लिखा कि शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी वंदे मातरम् के 150 वर्षों को समर्पित वर्षभर के राष्ट्रव्यापी समारोह का शुभारंभ करने जा रहे हैं, जिसका एक उद्देश्यपूर्ण पक्ष यह भी है कि स्वतंत्रता पूर्व का यह अमर गीत अब स्वतंत्रता के अमृतकाल में विकसित भारत निर्माण के जनआंदोलन के स्वर के रूप में भी गुंजायमान हो।









