हिसार : डीपफेक वीडियो व फेस मॉर्फिंग ऐप्स से सावधान रहें नागरिरक : शशांक सावन

के इस दौर में जहां डिजिटल माध्यमों ने संचार को आसान बनाया है, वहीं साइबर अपराधियों

ने नई-नई तकनीकों का दुरुपयोग कर लोगों को भ्रमित करने के तरीके भी खोज लिए हैं। इन्हीं

में से एक है डीपफेक वीडियो और फेस मॉर्फिंग ऐप्स।

जिला पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने साइबर जागरूकता माह के दौरान नागरिकों

को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करते हुए साेमवार काे कहा कि डीपफेक और फेस मॉर्फिंग तकनीकें आर्टिफिशियल

इंटेलिजेंस (एआई) व मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति के चेहरे, आवाज़ या हावभाव

को बदलकर ऐसा फर्जी वीडियो या फोटो तैयार करती हैं, जो देखने में पूरी तरह असली लगते

हैं। इनका उपयोग प्रायः लोगों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने, अफवाह फैलाने या वित्तीय

लाभ के लिए ब्लैकमेलिंग में किया जाता है। उन्होंने बताया कि कई बार ऐसे वीडियो राजनीतिक,

सामाजिक या व्यक्तिगत स्तर पर गलत सूचनाएं फैलाने के लिए भी उपयोग किए जाते हैं, जिससे

समाज में भ्रम और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

पुलिस अधीक्षक ने सचेत करते हुए कहा ​कि किसी भी वीडियो या फोटो पर विश्वास

करने से पहले उसकी स्रोत और प्रामाणिकता की जांच करें, बिना पुष्टि किए किसी भी भ्रामक

या संदिग्ध सामग्री को सोशल मीडिया पर शेयर या फॉरवर्ड न करें।