मदरसा इंटर कालेज में विदेशी फंडिंग की आशंका पर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
जिलाधिकारी के अनुसार मदरसे में विदेशी फंडिंग हुई है तो यह बात साक्ष्य के आधार पर ही साबित हो सकती है। इसके लिए उन्होंने कमेटी बना दी है। कमेटी ने देर शाम बैठक कर इस मामले में आपस में चर्चा भी की। मदरसा और इंटर कालेज एक ही कैंपस में चलता है।
मुख्य मुद्दा जो छात्रा के शोषण का है, उस मामले की जांच पुलिस कर रही है। मुकदमा भी पंजीकृत हो चुका है। विदेशी फंडिंग की जांच के लिए बनाई गई कमेटी में अपर जिलाधिकारी प्रशासन गुलाब चंद्र के नेतृत्व में बनाई गई है। इसमें मुख्य कोषाधिकारी रेनू बौद्ध और पुलिस अधीक्षक नगर कुमार रणविजय सिंह शामिल हैं।
जिलाधिकारी अनुज सिंह ने बताया कि जांच कमेटी बैंक से डिटेल एकत्र कर गहनता से जांच करेगी कि क्या वाकई में इस मदरसे को विदेश से पैसा भेजा जाता है। जिस बैंक में मदरसे के खाते हैं उनकी मदद से इस पूरे मामले में जानकारी जुटाई जाएगी। इसके अलावा शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक विभाग से भी उनके स्तर से जांच रिपोर्ट मांगी गई है। इस पूरे मामले में दोनों विभागों के अधिकारी मदरसे में पहुंच कर जांच भी कर चुके हैं। अभिलेख खंगाले जा रहे हैं।
पाकबड़ा के पास स्थित मदरसा जामिया एहसानुल बनात इंटर कालेज में सातवीं की छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने पर हंगामा खड़ा हो गया। इस मदरसे की ओर से एक दूसरी बिल्डिंग बनाने की बात भी सामने आई। इसके साथ ही मदरसे में विदेशी फंडिंग को लेकर भी उंगली उठी। पूरे मामले में राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई। इसी वजह से इस पूरे मामले में सभी विभागों से जांच करवाई जा रही है। जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो सके। लोगों के सामने सच्चाई आ सके।









