लुधियाना में फिल्म शाहकोट का जोरदार विरोध: शिवसेना ने किया पोस्टर फूंकने का ऐलान!

गायक गुरु रंधावा की नई फिल्म “शाहकोट” को लेकर लुधियाना में शिव सेना और विभिन्न हिंदू संगठनों के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने फिल्म का पुतला फूंका और जोरदार नारेबाजी की। शिव सेना के नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे इस फिल्म का विरोध करेंगे और इसे बॉयकॉट करने का निर्णय लिया है। उनके अनुसार, फिल्म में ऐसी सामग्रियाँ हैं जो राष्ट्र के खिलाफ हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनके लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा है।

लुधियाना में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में शिव सेना के नेता राजीव टंडन ने कहा कि केंद्रीय सरकार और सेंसर बोर्ड को किसी भी फिल्म को मंजूरी देते समय उसकी सामग्री पर ध्यान देना चाहिए। उनका कहना था कि “शाहकोट” में कुछ ऐसा दृश्य है जो देश की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस फिल्म में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाना एक गंभीर मुद्दा है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए हिंदू संगठन के प्रमुख भानू ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि फिल्म में हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए हैं, जो कि अत्यंत अपमानजनक है। उन्होंने मांग की है कि सरकार को तुरंत इस फिल्म पर बैन लगाना चाहिए ताकि समाज में असामंजस्य पैदा करने वाली सामग्री को रोका जा सके। उनका मानना है कि इस तरह की फिल्में सामाजिक ताने-बाने को कमजोर कर सकती हैं।

इस विरोध प्रदर्शन से यह स्पष्ट होता है कि फिल्म “शाहकोट” के प्रति लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है। धार्मिक और जातीय आधार पर विरोध करने वाले संगठनों की यह प्रतिक्रिया दर्शाती है कि समाज में ऐसे मुद्दे कितने संवेदनशील हो सकते हैं। ऐसे मामलों में, जहां फिल्मों के माध्यम से कई संवेदनाएं व्यक्त होती हैं, वहां सामाजिक संगठनों की सक्रियता और प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण हो जाती है।

इस विरोध प्रदर्शन के नतीजों का असर क्या होगा, यह तो भविष्य में ही स्पष्ट होगा। लेकिन इतना तय है कि इस तरह के विवादित मुद्दे हमेशा समाज में चर्चा का विषय बनते हैं। सोशल मीडिया पर भी इस फिल्म के खिलाफ बहस छिड़ गई है, जिसमें लोग अपनी राय रख रहे हैं। अब देखना है कि सरकार और सेंसर बोर्ड इस विवाद को गंभीरता से लेते हैं या नहीं और फिल्म को लेकर क्या निर्णय लिया जाता है।